झांसी न्यूज डेस्क: झांसी के रानी लक्ष्मीबाई पैरामेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की एक टीम ने अनोखी रिसर्च की है, जिसमें पाया गया कि रामधुन और गायत्री मंत्र सुनकर मरीजों की रिकवरी तेजी से हो रही है। डायरेक्टर डॉ. अंशुल जैन के नेतृत्व में एक साल तक 48 मरीजों पर यह प्रयोग किया गया, जहां उन्हें फिजियोथेरेपी के साथ रामधुन सुनाई गई। नतीजा यह निकला कि जिन मरीजों को मंत्र सुनाया गया, उन्होंने बाकी मरीजों की तुलना में 1.5 गुना तेजी से राहत महसूस की।
इस खास रिसर्च के लिए भारत विकास परिषद ने डॉक्टरों की टीम को सम्मानित किया। सदर विधायक रवि शर्मा और कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सेंगर ने टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सराहा। इस शोध की सफलता को देखते हुए झांसी के जिला अस्पताल में भी रामधुन बजाने की तैयारी कर ली गई है। अस्पताल के सभी वार्डों में स्पीकर लगाए जा चुके हैं, जहां अब रोजाना रामधुन और गायत्री मंत्र का प्रसारण होगा।
डॉ. अंशुल जैन ने बताया कि वैदिक काल से ही मंत्रों का उपयोग चिकित्सा में होता आया है, और अब उसी परंपरा को आधुनिक रिसर्च के साथ जोड़ने की कोशिश की गई है। उनका कहना है कि यह भारतीय ज्ञान परंपरा की वैज्ञानिक पुष्टि है, और आने वाले समय में मरीजों की सुविधा के लिए और भी नए आयामों पर रिसर्च जारी रहेगी। पैरामेडिकल कॉलेज लगातार इलाज की तकनीकों में नयापन लाने की दिशा में काम कर रहा है।